कुत्ते अक्सर जीभ निकालकर हांफते क्यों रहते हैं, पढ़िए वैज्ञानिक कारण सरल हिंदी में-
कुत्ते अक्सर जीभ निकालकर हांफते क्यों रहते हैं, पढ़िए वैज्ञानिक कारण सरल हिंदी में-
आपने भी देखा होगा। कुत्ता पालतू हो या स्वतंत्र। वह कहीं से दौड़कर आया हो या फिर काफी देर से एक ही स्थान पर बैठा हो। अपनी जीभ निकालकर हांफता रहता है।
आपने भी देखा होगा। कुत्ता पालतू हो या स्वतंत्र। वह कहीं से दौड़कर आया हो या फिर काफी देर से एक ही स्थान पर बैठा हो। अपनी जीभ निकालकर हांफता रहता है।
आइए जानते हैं वह ऐसा क्यों करता है। क्या उसे कोई बीमारी है या फिर कुत्ता जीभ निकालकर हम इंसानों को चिढ़ाता रहता है।
आइए जानते हैं वह ऐसा क्यों करता है। क्या उसे कोई बीमारी है या फिर कुत्ता जीभ निकालकर हम इंसानों को चिढ़ाता रहता है।
कुत्तों द्वारा की जाने वाली इस (जीभ बाहर निकाल कर तेज-तेज सांस लेने की प्रक्रिया) प्रक्रिया को थर्मोरेग्यूलेशन कहते हैं।
कुत्तों द्वारा की जाने वाली इस (जीभ बाहर निकाल कर तेज-तेज सांस लेने की प्रक्रिया) प्रक्रिया को थर्मोरेग्यूलेशन कहते हैं।
दरअसल, कुत्ते के शरीर में पसीने की ग्रंथि नहीं होती जबकि शरीर का तापमान संतुलित रखने के लिए पसीने का आना बहुत जरूरी होता है। कुत्ते के शरीर में पसीने की ग्रंथि उसके पैरों में होती है।
दरअसल, कुत्ते के शरीर में पसीने की ग्रंथि नहीं होती जबकि शरीर का तापमान संतुलित रखने के लिए पसीने का आना बहुत जरूरी होता है। कुत्ते के शरीर में पसीने की ग्रंथि उसके पैरों में होती है।
अब पैरों से इतना पसीना तो नहीं आ सकता कि शरीर का तापमान संतुलित हो जाए। इसलिए कुत्ते को थर्मोरेग्यूलेशन करना पड़ता है।
अब पैरों से इतना पसीना तो नहीं आ सकता कि शरीर का तापमान संतुलित हो जाए। इसलिए कुत्ते को थर्मोरेग्यूलेशन करना पड़ता है।
कुत्ता जीभ को बाहर निकालकर तेजी से सांस को अंदर की तरफ खींचता है। इससे उसके शरीर में ठंडी हवा का प्रवेश होता है। सर्दी के दिनों में जीभ को बाहर निकालकर तेजी से सांस को बाहर की तरफ फेंकता है।
कुत्ता जीभ को बाहर निकालकर तेजी से सांस को अंदर की तरफ खींचता है। इससे उसके शरीर में ठंडी हवा का प्रवेश होता है। सर्दी के दिनों में जीभ को बाहर निकालकर तेजी से सांस को बाहर की तरफ फेंकता है।
इससे शरीर की ठंडी हवा बाहर चली जाती है और शरीर का तापमान संतुलित हो जाता है। हम मनुष्य भी ऐसा करते हैं परंतु बहुत कम मात्रा में करते हैं इसलिए कोई नोटिस नहीं करता।
इससे शरीर की ठंडी हवा बाहर चली जाती है और शरीर का तापमान संतुलित हो जाता है। हम मनुष्य भी ऐसा करते हैं परंतु बहुत कम मात्रा में करते हैं इसलिए कोई नोटिस नहीं करता।